Tuesday, October 21, 2008

(52) आबे ज़र


तेरे अबसार से बेह्तें, इस आबे ज़र को रोक

न कर आबरू बाखत , गिराकर ज़मीन पे

गिराना है तो बूँदें , मेरे होठों पे गिरा

मिल जाए दिल को ठँडक , बढ़कर नसी॰म से


अबसार-eyes

आबे ज़र -gold water

आबरू बाखत-insulted

नसी॰म-cool breeze

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